Latest Posts

पंजाब चला बंगाल की राह : वामपंथ प्रो+

तुम्हारे टावर उखाड़ने से जियो को कुछ ही हजार का नुकसान होगा..कोई ज़्यादा फर्क नहीं पड़ेगा #अम्बानी को, लेकिन जिस दिन उसने पंजाब-हरियाणा से अपने धंधे और टावर उखाड़ने शुरू किए तो तुम्हें उन्हें वापस लगवाने के लिए फिर आंदोलन करना पड़ेगा.. याद रखना.

आज से साठ-सत्तर साल पहले बंगाल में मुंबई से ज्यादा रौनक थी । कोलकाता समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का केंद्र था और साथ ही विभिन्न संस्कृतियों का भी। ये बौद्धिकों, कलाकारों, फ़िल्म जगत से जुड़े लोगों का भी पसंदीदा स्थान था।  कोलकाता में तब भारत की टॉप 5 कंपनियों में से तीन बिड़ला, जेके, थापर के मुख्यालय थे। टाटा मुम्बई से कोलकाता शिफ्ट होने वाले थे, इसके लिए टावर भी बना लिया था। 


और आज पंजाब में जो कुछ हो रहा है जैसे कृषि सुधारों को लेकर आंदोलन ,जिओ के टावर तोड़ने ,अंबानी अडानी को पंजाब में न घुसने देने की धमकियां दी जा रही है। कभी बंगाल में भी इसी तरह की घटनाएं घटी थी। और बंगाल ने अपनी समृद्धि से लेकर सांस्कृतिक पहचान को गवां बैठा । वही सब आज पंजाब जैसे समृद्ध और धनी राज्य में हो रहा है।

इस क्रम की एक फेमस घटना के अनुसार , तब  आदित्य बिड़ला को उनकी कार से बाहर खींच लिया गया था , जब वो अपने और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच आधा किलोमीटर की दूरी तय कर रहे थे। उनके कपड़े फाड़ दिए गए और उन पर भद्दे कमेंट्स किये गए और वो उन्हीं फटे कपड़े और फटी जांघिया के साथ अपने कार्यालय में प्रविष्ट हुए। उस शाम के बाद वो पुनः कभी पश्चिम बंगाल नहीं गये। उन्होंने अपने समूचे संगठन को मुंबई स्थानांतरित कर दिया। 

और पढ़ें - 


    इसे देख टाटा ने तुरंत अपना निर्णय बदल दिया और मुंबई से ही अपना काम चालू रखा। सिर्फ छोटी और मंझोली कंपनियाँ ही बची थीं, वो भी बहुत ही कम क्षेत्र में।


    उस समय जो परिस्थितियां बंगाल में हुई वामपंथ के द्वारा,  वही परिस्थितियां अब देश के सबसे समृद्ध राज्य पंजाब में बनाई जा रही है। ठीक वही हथकंडे अपनाए जा रहे है पंजाब को बर्बाद करने के लिए।  देश की अर्थव्यवस्था में कृषि योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता खासकर भारत जैसे देशों में.. इस कृषि-समस्या के विषय  पर एक अलग पुराने आलेख का लिंक दे दिया है जो भारत की कृषि-कृषकों पर फोकस कर लिखा गया है ।
    लेकिन इस आंदोलन के दौरान एप्पल फोन में तोड़फोड़, अमेजन के आफिस और गोदाम में तोड़फोड़, और पंजाब में जिओ के टावरों को तोड़ने और पंजाब को इंडस्ट्रीज कृषि के क्षेत्र में खत्म करके देश की 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के मंसूबे को ध्वस्त करने की शुरुआत है।

    अब पंजाब के लोग जोश जोश में खुद ही अपने पैर कुल्हाड़ी पर मार रहे है। इसका नतीजा भी पंजाब वाले ही भुगतेंगे। कभी हिन्दुओं को ताना मारने वाले कि हिन्दुओं की बहन बेटियां बचा कर लाने वाले इत्तेफाक से जनरेटर चोर बन गए है। 

    वामपंथ पहले भी ऐसा ही था आज भी वैसा ही है। लेकिन अब यह अपग्रेड होकर "वामपंथ प्रो+" के रूप में आपके सामने है । वामपंथ फिर से एक बार तीखी मुस्कुराहट के साथ देश मे ये सब होते देख रहा है .

    No comments:

    Post a Comment

    THE CYNICAL MIND Designed by Templateism Copyright © 2019

    Powered by Blogger.