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राम नाम की लूट है , लूट सको तो लूट !

 मौत आएगी, वह हमेशा आती है। तुम्हारे न चाहते हुए भी वह आती है। तुम्हें उससे जाकर मिलने की जरूरत नहीं है, वह अपने आप आ जाती है, लेकिन विश्वास करो तुम अपने जीवन को बुरी तरह से मिस करोगे। 


 ओशो कहते हैं - " मैं तुम्हे असली सूइसाइड सिखाऊंगा। बस संन्यासी बन जाओ। वैसे भी साधारण सूइसाइड करने से कुछ ख़ास होने वाला भी नहीं है।
क्या फायदा, तुम एक दरवाज़े से निकलते हो और किसी दूसरे दरवाजे से फिर अंदर आ जाते हो। तुम इतनी आसानी से नहीं जा सकते। मैं तुम्हें असली आत्महत्या करना सिखाऊंगा, तुम हमेशा के लिए जा सकते हो। हमेशा के लिए जाना ही तो बुद्ध बन जाना है..."


जिसने खुद जीवन से प्यार नहीं किया वो तुम्हें कुछ नहीं दे सकता . साधु बन जाना सबके बस की बात नहीं. हाँ सड़ाधु बन सकते हो । वैसे भी राजनीतिज्ञों की नज़र में #रामपाल और #रामरहीम भी संत ही था..



'राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट ..' और बाबाओं ने ही राम को लूट-लूट के कंगाल बना दिया ।।

किसान आंदोलन से दुखी बाबा #रामसिंह ने अपनी पिस्टल से खुद को गोली मारी।  बाबा परलोक पहुंच चुके हैं ..बाबा को कुछ डर था , किसी का डर था जो बाबा को अंदर-ही-अंदर खाये जा रही थी.. . शायद इसीलिए बाबा ने पिस्तौल भी रखी थी .. .

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