प्रेम लक्ष्य है , जीवन यात्रा
दिल लगी ही दिल्लगी में दिल गया, दिल लगाने का नतीज़ा मिल गया मैं तो रोता हूँ कि मेरा दिल गया , तुम क्यों हँसते हो तुम्हें क्या मिल गया ...
दिल लगी ही दिल्लगी में दिल गया, दिल लगाने का नतीज़ा मिल गया मैं तो रोता हूँ कि मेरा दिल गया , तुम क्यों हँसते हो तुम्हें क्या मिल गया ...
वशिष्ठ नारायण (Vashishtha Narayan Singh) अब स्वर्गीय हो चुके हैं। हालाकि इनका जीवन अधिकतर गुमनामी में बीता | फिर भी , कुछ महीनों से अपनी ला...
आखिरकार प्रधान सेवक के भतीजी की चोरी हुई बैग मिल गयी। इस खतरनाक आपरेशन को दिल्ली के 700 जवानों द्वारा 24 घंटे के भीतर सम्पन्न किया गया। वै...
ओल्ड जेएनयु का केरला कैफे दिन में धूप सेंकने और शाम में लकड़ियों को ताड़ने का महत्वपूर्ण केंद्र है। आज जेएनयू भले ही बदनामी का दंश झेल...
दशहरा का मेला भी अब पहिले जैसा मनसाइन नहीं रहा। जलेबी और छोले-चाट से पूरा मेला गमकता था। ऊपर से चटकारा वाला गोलगप्पा दिमाग ऐसे झनझना था जै...
सबसे खूबसूरत भाषा वो होती है जो रोज़ बोल चाल में इसतेमाल हो और यही भाषा का मानवीय रूप भी होता है। काशीनाथ सिंह ने इसी भाषा को उठाया है और ...
आज़ादी के ७२ वर्ष पूरे हो चुके हैं . यह गौरव की बात होनी चाहिए और वस्तुतः है भी . पर एक बारगी आप अपने चारों तरफ नज़र उठाकर देख लें तो निरा...
तुम तकल्लुफ को भी इखलास समझते हो 'फ़राज़' दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला || अहमद फ़राज़ की इन बातों से ज़ाहिर होता ...
बिहार और चमकी बुखार का नाता थोड़ा पुराना है. लेकिन एक और बात है जिसे आप भी अंगीकार करेंगे कि बिहार की अंधी सरकार के निकम्मेपन का नाम है च...
हम फादर्स डे क्यों मनाते हैं (Why do we celebrate Fathers'Day) ? वास्तव में यह अजीब सा प्रश्न है की हम Father's Day अर्थात पिता...