प्रेम लक्ष्य है , जीवन यात्रा
दिल लगी ही दिल्लगी में दिल गया, दिल लगाने का नतीज़ा मिल गया मैं तो रोता हूँ कि मेरा दिल गया , तुम क्यों हँसते हो तुम्हें क्या मिल गया ...
दिल लगी ही दिल्लगी में दिल गया, दिल लगाने का नतीज़ा मिल गया मैं तो रोता हूँ कि मेरा दिल गया , तुम क्यों हँसते हो तुम्हें क्या मिल गया ...