गुलाबो का प्यार
लगातार सात दिन चले, बाबा वैलेंटाइन का त्यौहार इस बार भी ख़तम हो गया. गुलाब की आशा पाले ठलवे अपने पैरों में काँटों का दर्द लिए दारु और चखने क...
लगातार सात दिन चले, बाबा वैलेंटाइन का त्यौहार इस बार भी ख़तम हो गया. गुलाब की आशा पाले ठलवे अपने पैरों में काँटों का दर्द लिए दारु और चखने क...
परों को खोल , ज़माना उड़ान देखता है । ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है ।। दिल्ली की सर्दी भले ही हड्डी गला देती हो लेकिन इसकी राजन...