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इस्लाम और सनातन

"वैद" आते ही शाहजहां को "वेद" सुनाई पड़ता था इसी बहरेपन के लिए तो औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया...बुढऊ सुनता कुछ और बोलता कुछ और था... आगे पढ़िए
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अब लोग कह रहे हैं कि अगर शाहजहां ने अस्पताल बनवाये होते तो मुमताज़ नहीं मरती...अरे भाई उस समय वैद -हकीम टाइप लोग होते थे 'डॉक्टर्स' नहीं जो हस्पतालों में नौकरी करते । 

और हकीम तक तो ठीक भी था लेकिन वैद आते ही शाहजहां को "वेद" सुनाई पड़ता था इसी बहरेपन के लिए तो औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया...बुढऊ सुनता कुछ और बोलता कुछ और था...और तो और बेचारा शाहजहां को बंदी भी बनाया तो अपनी महबूबा से दूर #आगरा_फोर्ट में रख दिया...


क्या है ना प्यार से #इस्लाम थोड़ी न चलता है भाई #मोहम्मद साब कतई बुड़बक थे जो प्यार का संदेश दे दिए...अगर मोहम्मद सच में ईश्वर के पैगम्बर थे तो जाहिर है कि उन्होंने #काफ़िर शब्द का इस्तेमाल नहीं किया होगा अगर वो करते हें  तो पैगम्बर के लायक नहीं हैं..क्योंकि अल्लाह हो या ईश्वर, की अवधारणा किसी को भी 'दूसरा' और 'नालायक' नहीं मानती...मारने के लायक तो बिल्कुल नहीं ।

हम वही हैं जिसे #शंकराचार्य "चिदानन्द रूपः शिवोहम शिवोहम " कहते हैं... लेकिन लोग शिव को हिन्दू से जोड़ते हैं अरे भाई 'शिव सनातन हैं'..और सनातन वही है जो सर्वदा है ।  जिसका न आदि है न अंत..

#ChandanGunjan #TheCynicalMind

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