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दोस्तों को नाग पंचमी की शुभकामना !

तुम तकल्लुफ को भी इखलास समझते हो 'फ़राज़'

दोस्त  होता  नहीं   हर   हाथ  मिलाने   वाला  ||


अहमद फ़राज़ की इन बातों से ज़ाहिर होता है की इनके दोस्तों ने इनका बहुत काटा है . काटने के कई तरीके होते हैं कुत्तों वाला काटना , साँपों वाला काटना .. .. .. आदि भिन्न -भिन्न प्रकार के काटने-काटने के वर्णन है दोस्ती के इतिहास में . इसका तो आपको पता ही है क्योंकि आप भी दोस्त हैं .  #TheCynicalMind

पर कुछ अलग है दोस्तों वाला काटना . दोस्तों से कटने में न आदमी मरता है और न ही जी पाता है .  दोस्तों के काटने की गहराई ठीक वैसी ही है जितनी कि कसी ने  पिएनबी का  काटा , मोदी ने आडवानी का काटा , केजरू  ने हजारे का काटा , कोंग्रेस के इसके दुलारे ने काटा . इन गहराई  का पता लगाना ब्लैक होल  की आधी अधूरी सच्चाई का पता लगाने के माफिक है, बीडू !


इसी काटने के क्रम में दोस्तों द्वारा  साँपों के माफिक काटने की बात इस साल जग जाहिर हो गयी . इसबार तो फ्रेंडशिप डे भी नागपंचमी के साथ मनाया जा रहा है . दोस्तों के इस सर्पिलेपन के भाव का आकार शनै शनै दैत्याकार होता जा रहा है . अतः  हम इनके करीब ही रहें  क्योंकि हम इस बार फ्रेंडशिप के सर्प वाली राशी में हैं . इसलिए जो भी दोस्त आयें उन्हें प्यार पूर्वक ये जानते हुए कि ये कभी उनको काट भी सकते हैं , पक्का नहीं है ...पक्के तो आप भी नहीं जी,  अपना लिया जाय.   इससे आपकी घर गृहस्थी में सुख शांति बनी रहेगी .


अपनी दोस्ती तो टायर और ट्यूब के माफिक है भइये ! हवा तेरी निकलती है और बैठ मैं जाता हूं. 

कई दशको से हमें तो जय बीरू और धर्म वीर की जोड़ी के कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं .इनमे इनका कटना-काटना हमारे चारो तरफ घूमता ही रहता है . केवल देखने से नहीं अनुभव से बुद्धि बढ़ेगी .  प्रैक्टिस करने से जो ज्ञान मिले उसे ही अपना समझना बाकि सब तो ओल झोल है भाई ! लेकिन इस ज्ञान के लिए होने चाहिए आपके पास एक ऐसा दोस्त जिससे आप रोज़ कटते रहे और वो आपका काटता रहे . तभी जीवन में सच्चे ज्ञान की अनुभूति होगी .


  नीलोत्पल मृणाल साहित्य अकादमी पुरस्कृत एक युवा हिंदी लेखक हैं. औघड़  इनकी दूसरी रचना है . इनकी पहली रचना है  डार्क  हॉर्स    जिनमे  लेखक  नज़र करते हैं  मुखर्जीनगर में  रह रहे  उन  औघड़ों की जो चार  बाय छः के कमरे में  सरकारी नौकरी  की तपस्या  करते हुए अपनी  जवानी  खो रहे है।  अगर आपने यह किताब नहीं पढ़ी है तो आपको पढ़नी चाहिए।


इसलिए  आप कटिए या कटाइये  लेकिन  कोई न कोई आपको काटने वाला चाहिए . एयरटेल के सिद्ध मठ से निकले योगियों ने तो हर एक फ्रेंड ज़रूरी होता है , तक का नारा भी दे डाला . वैसे दोस्तों की खूबियां तो भरमार है जैसे आपकी सरकार है .

आपको सही बताते है , हम कटवाने के जन्म जन्मान्तर शौक़ीन रहे है और यह प्रक्रिया अनवरत जारी है . तभी तो हमने जिससे पिछले पांच साल कटवाए ये पांच भी कटवा लिया ( आर टी आई पर नयी सरकार के फैसले से इसका कोई ताल्लुक नहीं है |).

इस प्रेमातुर कटवाने की प्रक्रिया में लिए गए आनंद का दर्द जबरदस्त है . इसलिए आइये और हमें काटिए ..!!

 आप सब दोस्तों को नाग पंचमी की शुभकामना !! 
                                                     
  

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